बलिदान दिवस पर 23 जून पर विशेष

पाक अधिकृत कश्मीर की वापिसी के साथ पूरा होने वाला है डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का स्वप्न – सुरेन्द्र शर्मा डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्वतंत्र भारत के प्रथम बलिदानी जिन्होने देश की एकता और अखंडता के लिए अपना बलिदान दिया। भारत के पहले उद्योग मंत्री जिन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू की कश्मीर नीति के विरोध में मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर भारतीय जनसंघ की स्थापना की और एक देश में दो विधान दो निशान दो प्रधान नहीं चलेंगे के संकल्प के साथ कश्मीर में बिना परमिट के प्रवेश किया और देश की एकता और अखंडता के लिए बलिदान हो गए। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी इस प्रण पर सदैव अडिग रहे कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का एक अविभाज्य अंग है। उन्होंने सिंह-गर्जना करते हुए कहा था कि, “एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान, नहीं चलेगा- नही चलेगा”। उस समय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में यह प्रावधान किया गया था कि कोई भी भारत सरकार से बिना परमिट लिए हुए जम्मू-कश्मीर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता। डॉ. मुखर्जी इस प्रावधान के सख्त खिलाफ थे। उनका कहना था कि, “नेहरू जी ने ही ये बार-बार ऐलान क...